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आर्मी डे परेड में सेनाध्यक्ष ने चीन और पाकिस्तान पर साधा निशाना

Army Chief targets China and Pakistan at Army Day parade
Highlights उत्तरी सीमा पर भारतीय सेना किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए हर समय तैयार पश्चिमी सीमा पर प्रॉक्सी आतंकवादी संगठनों ने लक्षित हत्याओं की तकनीक का सहारा लिया

नई दिल्ली। सेना दिवस पर सालाना परेड में सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे के निशाने पर पाकिस्तान और चीन रहे। उन्होंने पश्चिमी सीमा पार के आतंकी ढांचों पर चिंता जताई, तो उत्तरी सीमा पर किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए तैयार होने का भरोसा भी दिलाया।

सेना प्रमुख जनरल एम पांडे 75वें सेना दिवस पर आयोजित परेड की सलामी लेने के बाद सैनिकों को सम्बोधित कर रहे थे। सेना दिवस पर 1949 में समारोह शुरू होने के बाद यह पहला मौका है, जब सेना दिवस परेड दिल्ली के बाहर बेंगलुरु के एमईजी एंड सेंटर में परेड ग्राउंड पर हो रही है। पहली बार आर्मी डे परेड और इससे जुड़े अन्य कार्यक्रम बेंगलुरु में आयोजित किए जा रहे हैं। सेना प्रमुख ने कहा कि सरकार के इस फैसले ने सेना को लोगों से जुड़ने का एक सुनहरा अवसर दिया है। मुझे विश्वास है कि इससे हमारे संबंध और भी मजबूत होंगे।

उन्होंने कहा कि पश्चिमी सीमावर्ती क्षेत्रों में नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम जारी है, जिससे सीमा पार से फायरिंग में कमी आई है, लेकिन इसके बावजूद सीमा पार अभी भी आतंकी ढांचा बना हुआ है। हमारा काउंटर इंफिल्ट्रेशन ग्रिड वहां से घुसपैठ को लगातार नाकाम कर रहा है। जम्मू-कश्मीर और पंजाब में अंतरराष्ट्रीय सीमा क्षेत्र में ड्रोन के माध्यम से हथियारों और ड्रग्स की तस्करी का प्रयास जारी है। ऐसी गतिविधियों के खिलाफ काउंटर-ड्रोन जैमर और अन्य उपकरण उपयोग में लाए गए हैं।

उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के अंदर के इलाकों में सुधार देखा गया है। स्थानीय आबादी ने हिंसा को खारिज कर दिया है और सकारात्मक परिवर्तनों का स्वागत करते हुए सभी सरकारी पहलों में उत्साहपूर्वक भाग लिया है। हालांकि, सुरक्षा बलों के प्रयासों से हिंसा में कमी आई है, लेकिन कई प्रॉक्सी आतंकवादी संगठनों ने अपनी मौजूदगी जताने के लिए लक्षित हत्याओं की तकनीक का सहारा लिया है। सेना अन्य सुरक्षा बलों के साथ ऐसे सभी प्रयासों को विफल करने के लिए दृढ़ संकल्पित है।

सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने चीन सीमा के बारे में कहा कि उत्तरी सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थिति सामान्य रही है और स्थापित प्रोटोकॉल और मौजूदा तंत्र के माध्यम से शांति बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठाए गए हैं। एलएसी पर एक मजबूत रक्षा मुद्रा बनाए रखते हुए हम किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। कठिन क्षेत्र और खराब मौसम के बावजूद हमारे बहादुर जवान वहां तैनात हैं। उन्हें सभी प्रकार के हथियार, उपकरण और सुविधाएं पर्याप्त मात्रा में दी जा रही हैं।

जनरल पांडे ने कहा कि स्थानीय प्रशासन, अन्य एजेंसियों और सेना के संयुक्त प्रयासों से चीन सीमा पर बुनियादी ढांचे के विकास में सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि पिछले साल सेना ने सुरक्षा संबंधी चुनौतियों का दृढ़ता से सामना करके सीमाओं की सक्रिय और मजबूती से सुरक्षा सुनिश्चित की। सेना ने क्षमता विकास, बल पुनर्गठन और प्रशिक्षण में सुधार के लिए कदम उठाए। इसने भविष्य के युद्धों के लिए अपनी तैयारियों को और भी मजबूत किया है।

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