नई दिल्ली। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के पूर्व निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने लगभग तीस साल की सेवा के बाद स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली है। डॉ गुलेरिया उन प्रमुख लोगों में शामिल थे, जिन्होंने कोविड महामारी के दौरान केंद्र सरकार के जागरुकता पैदा करने में भी प्रमुख भूमिका निभाई।
डॉ. गुलेरिया ने 28 मार्च, 2017 को पांच साल के लिए एम्स के निदेशक के रूप में कार्यभार संभाला था। इससे पहले वह विभाग का नेतृत्व कर रहे थे। उनका कार्यकाल 24 मार्च को समाप्त होना था, लेकिन इसे तीन महीने के लिए बढ़ा दिया गया था। इसके पूरा होने पर उन्हें तीन और माह के लिए सेवा विस्तार प्रदान किया गया था। संस्थान (एम्स) के निदेशक के रूप में उनका साढ़े पांच साल का कार्यकाल 23 सितंबर को समाप्त होने के बाद उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) के लिए आवेदन किया था। उनके आवेदन को मंजूर कर लिया गया है। गुलेरिया की अप्रैल 2024 में सेवानिवृत्त होने वाले थे। गुलेरिया ने एम्स में 1992 में चिकित्सा विभाग में सहायक प्रोफेसर के रूप में अपना कार्य शुरू किया था।