मीरजापुर। नवम्बर का महीना रबी की फसलों की खेती का मुख्य समय है। लेकिन किसानों को उर्वरक एवं बीज उपलब्ध कराने वाली सहकारी समितियों के गोदाम खाली है। साधन सहकारी समितियों के कर्मचारियों से किसानों को बस एक उत्तर दिया जा रहा है कि अभी रैक नहीं आई है। जिम्मेदार अधिकारी व जनप्रतिनिधि भी किसानों की इस गंभीर समस्या से अनभिज्ञ बने हुए हैं।
किसानों की आय दुगुनी करने व उन्हें सुविधाएं प्रदान करने के लिए तमाम दावों के साथ शासन की ओर से महत्वाकांक्षी योजना चलाई जा रही है। जिम्मेदारों की लापरवाही कहें या व्यवस्था में कमी, किसानों को इसका अपेक्षित लाभ नहीं मिल पा रहा है। जिले के विकास खंड हलिया में साधन सहकारी समिति भटवारी दिघिया, हर्रा मतवार, उमरिया, अहुगी कला, सेमरा कला, महोगढी, खुटंहा, बरौंधा समेत दस साधन सहकारी समितियों का संचालन किया जा रहा है। पर डीएपी खाद नदारद है। अधिकांश साधन सहकारी समितियों पर सप्ताह भर से डीएपी खाद उपलब्ध नहीं है। यही नहीं समितियों पर रिजर्व कोटे का भी स्टाक नहीं है।
इस संबंध में किसान लालजी, राधेश्याम, राजेंद्र, विवेक तिवारी, जोगेंद्र कोल, लक्ष्मीनारायण अग्रहरि, सुमित्रानंदन ओझा आदि का कहना है कि बुआई का समय चल रहा है और समितियों पर डीएपी नहीं है। इससे बुआई प्रभावित हो रही है। खाद के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। खाद के लिए समितियों का बार-बार चक्कर लगाना पड़ रहा है। बाजार में मंहगें दामों पर डीएपी खाद खरीदनी पड़ रही है।
एडीओ कोआपरेटिव हलिया धर्मेंद्र कुमार निषाद ने बताया कि एक दो दिन में जिले में डीएपी खाद की रैक आने वाली है। जैसे ही रैक आ जाती है, समितियों पर डीएपी खाद उपलब्ध हो जाएगी और किसानों को खाद मिलने लगेगी।