औरैया ।"रिशाल तुम सतर्क रहना और अपना खयाल रखना मेरे घर वाले हम दोनो को और तुम्हारे परिवार वालो को मारने की तैयारी कर रहे है। मेरे भैया तो यहां तक कह रहे थे, पापा मुझे परिवार, घर और जमीन से बेदखल कर दो। मैं इन दोनों को मार कर इनके परिवार का सत्यानाश कर दूंगा, घरवालों पर कोई आंच भी नहीं आने दूंगा। इसने कोर्ट मैरिज किया है तो यह भी जान जायेगी कि कैसे कसाई परिवार में जन्म मिला है। कोई पूछेगा तो कह देंगे करेंट लग गया, किसी को पता नही चलेगा, आप प्लीज चौकन्ने रहना।" उपरोक्त शब्द उस लड़की के हैं। जिसके परिवार बालों ने मार कर हाथ पैर बांधकर यमुना में फेंक दिया। लड़की की गलती मात्र इतनी थी कि उसने प्यार जो कर लिया था।
जानकारी के अनुसार औरैया जनपद में प्यार के चक्कर में पड़कर अपनी मर्जी से शादी करने पर उसके पिता और भाई ने युवती की गला दबाकर बेरहमी से हत्या कर उसके हाथ पैर बांध कर यमुना नदी में फेंक दिया गया था। बुधवार दोपहर बाद युवती का शव जब मिला तो युवती के प्रेमी ने उसकी शिनाख्त की। प्रेमी ने ही युवती का वीडियो पुलिस को दिखाया। इसके बाद युवती की हत्या के आरोप में उसके दो भाईयों को गिरफ्तार कर लिया गया। जबकि पिता और अन्य आरोपी अभी फरार हैं।
बुधवार दोपहर के बाद अयाना थाना के गांव जुहीखा में चौकीदार सत्यपाल ने एक युवती का शव यमुना नदी में तैरते हुए देखा। जिसके हाथ पैर चारपाई बुनने वाली रस्सी से बंधे थे। चौकीदार ने यमुना नदी में शव की सूचना पुलिस को दी।शव की पहचान न होने पर अज्ञात में पंचनामा भरा गया। शव मिलने की सूचना मिलने पर जालौन के थाना कालपी के गांव कटरा निवासी एलएलबी के छात्र रिशाल सिंह पोस्टमार्टम हाउस औरैया पहुंचे। जहां रिशाल ने शव की पहचान अपनी प्रेमिका(पत्नी) ह्रदयेश पुत्री यशवीर सिंह निवासी सेंगनपुठा अजीतमल के रूप में कर पुलिस के लिए मुसीबत खड़ी कर दी।
पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे रिशाल ने बताया, ह्रदेश मेरी दूर की रिश्तेदार है। वर्ष 2010 तक मैं उसके पास के गांव चंदनापुर में रहकर पढ़ाई की। वह कभी कभार वहां आना जाना रहती थी। हम दोनों के बीच तब पढ़ाई की बातें हुआ करती थी। हम दोनों तभी से अच्छे दोस्त बन गए थे। मैंने अपनी पढ़ाई पूरी कर ली और जालौन चला आया उसके बाद भी कभी कभी बातचीत होती रही। हम दोनों एक दूसरे से अपनी जिंदगी की अहम बातें और फैसलों में भी सलाह लिया करते थे। धीरे धीरे दोस्ती प्यार में बदल गई। वर्ष 2017 में हम दोनों ने एक दूसरे से अपने प्यार का इजहार कर लिया, और वर्षों ऐसा ही चलता रहा।हिम्मत जुटा मैंने अपने घर परिवार बालों से बात की तो वह लोग शादी के लिए तैयार हो गए,किंतु ह्रदेश के परिवार वाले तैयार नहीं हुए।
जिंदगी ऐसे ही चलती रही। कोरोना कॉल में हम लोगों ने एक साथ रहने का फैसला किया।जिसके बाद 4 सितंबर 2021 को हम लोगों ने आर्य समाज मंदिर कानपुर में शादी कर ली। इसके बाद हम घरवालों से अलग कानपुर में ही साथ रहने लगे। तकरीबन दो महीने तक हम लोग साथ रहे। इसके बाद किसी तरह ह्रदेश के पिता और भाइयों ने हमारा पता लगा लिया और हमारे घर आ गए। घर आकर उन्होंने हम लोगों से कहा कि हम तुम्हारी शादी रस्मो रिवाज के साथ धूमधाम से करना चाहते हैं। ह्रदेश को साथ भेज दो। हम कोई अच्छा सा मुहूर्त देख कुछ दिनों बाद तुम दोनों की शादी कर देंगे। हम दोनो उनके झांसे में आ गए। अपनी पत्नी ह्रदेश को हमने उनके साथ गांव भेज दिया। कुछ दिन तो ठीक ठाक चला किंतु एक महीने बाद ही उन्होंने दबाव बनाकर हम लोगों का मिलना जुलना बंद करवा दिया। ह्रदेश को कैद कर दिया, मोबाइल फोन भी छीन लिया। मैंने ह्रदेश को दूसरा फोन भिजवाया।जिससे वह चोरी चुपके ही फोन कॉल कर पाती थी।एक दिन उसने एक लेटर लिखा फिर उसने एक वीडियो बनाकर मुझे भेजा। जिसमें वह बोल रही थी कि यह लोग मेरे ऊपर शादी का दबाव बना रहे हैं। मैंने मना कर दिया है। लेकिन यह लोग कह रहे हैं कि अगर नहीं मानोगी तो मार कर कही फेंक देंगे। उसने मुझे सतर्क रहने की चेतावनी भी दी थी। वीडियो आने के बाद मैं परेशान तो हुआ था लेकिन मैंने ही उसको समझाया था कि तुम्हारे मां बाप हैं ऐसा नहीं करेंगे।
रिशाल ने बताया कि, मेरी पत्नी हृदयेश बताती थी कि ये लाेग मेरी शादी कहीं और करने जा रहे हैं। लेकिन ह्रदेश ने मना कर दिया है। इसके बाद से घरवाले नाराज हैं। वह लोग मुझे ताना मारते हैं कि हमारी इज्जत को नीलाम करके रख दिया है। लेकिन तुम परेशान मत हो। मैं आखिरी दम तक तुम्हारी ही रहूंगी। चाहे इसके लिए मुझे जान ही क्यों न देनी पड़े।तत्पश्चात रिशाल भावुक हो रोने लगे खुद को कोसते हुए बोले आखिर मैंने उसे उसके मां बाप के साथ जाने ही क्यों दिया था।
रिशाल ने बताया, जिस फोन से वह बात करती थी। उस पर आखिरी बार मेरी बात 25 सितंबर की रात लगभग नौ और दस बजे के बीच हुई थी। उसके बाद से फोन बंद हो गया। मैं लगातार फोन मिलाता रहा। रात लगभग 12 बजे फोन एक बार ऑन हुआ लेकिन उठा नहीं। इसके बाद फोन बंद हो गया। इसके बाद ह्रदेश की कोई जानकारी नहीं मिली। मन में शंका हो रही थी तभी बुधवार को यमुना में शव मिलने की सूचना मिलते ही मैं जालौन से औरैया आकर शव की पहचान की।
रिशाल बताते है कि यमुना में जब शव मिला तो ह्रदेश के हाथ पैर चारपाई बुनने वाली रस्सी से बांधा गया था। उसकी जुबान बाहर निकली हुई थी।लग रहा था कि गला दबा कर हत्या की है। दो दिन पहले लाश को नदी में फेंका गया था। उसका शरीर फूल कर अकड़ गया था।
रिशाल की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। मुकदमें में हृदयेश के पिता यशवीर सिंह (पिता), सीपू सिंह (भाई), शिल्पू सिंह (भाई), श्वेता (भाभी), मृतका की बुआ, अज्ञात समेत छह लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। सीओ प्रदीप कुमार ने बताया कि शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। दो भाई हिरासत में लिए है। पूछताछ में पता चला है कि एक भाई कल ही बाहर से आया है। सभी बिन्दुओ पर जांच चल रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मौत का कारण स्प्ष्ट हो जाएगा।