कानपुर। सपा मुखिया के करीबी कानपुर के सपा विधायक इरफान सोलंकी और उनके भाई के खिलाफ पुलिस कड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में जुट चुकी है। फरार विधायक के खिलाफ दर्ज पुराने आपराधिक मुकदमों की पुन: जांच शुरू करने का मन बना चुकी है।
अपराधियों के खिलाफ योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत पुलिस अधिकारियों की एक टीम ने इरफान के खिलाफ दर्ज मुकदमों की समीक्षा शुरू कर दी है। पुलिस सूत्रों की मानें तो चार मुकदमों में पर्याप्त साक्ष्य होने के बाद भी विधायक को बचाते हुए फाइनल रिपोर्ट लगा दी गई।
स्वरूप नगर थाने में विधायक इरफान के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। इस थाने में दर्ज सभी मुकदमों की फाइल अब संयुक्त पुलिस कमिश्नर आनंद प्रकाश तिवारी ने शनिवार रात मांगा है। इरफान सोलंकी के खिलाफ स्वरूप नगर थाने में दर्ज सभी मुकदमों की फाइल तलब की है। पुलिस अफसरों की मानें तो 2014 में मेडिकल कॉलेज कांड में दर्ज सभी मुकदमों में विधायक के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य होने के बाद भी सत्ता में पहुंच होने की वजह से एफआर लगाकर विधायक को बचा लिया गया, लेकिन अब उन सभी मुकदमों को फिर से जांच करने की तैयारी की जा रही है।
बता दें कि विधायक इरफान सोलंकी के खिलाफ जाजमऊ थाने में उनकी पड़ोसी महिला बेबी नाज ने एफआईआर दर्ज कराई थी। आरोप है कि प्लाॅट पर कब्जा करने की नीयत से विधायक और उनके भाई रिजवान ने उनका घर फूंक दिया। इसी मामले में विधायक और उनके भाई फरार हैं। विधायक ने जमानत के लिए न्यायालय में याचिका दाखिल की है। पुलिस अधिकारियों की मानें तो विधायक और उनके भाई के खिलाफ न्यायालय ने एनबीडब्ल्यू जारी किया है। ऐसे हालत में अग्रिम जमानत कैसे मजबूती दे सकती है। विधायक यदि न्यायालय में हाजिर नहीं हुए तो उनके घर की कुर्की की कार्रवाई हो सकती है।
संयुक्त पुलिस कमिश्नर आनंद प्रकाश तिवारी का कहना है कि सपा विधायक इरफान सोलंकी और उनके भाई रिजवान के खिलाफ गंभीर धाराओं में जाजमऊ थाने में एफआईआर दर्ज है। मुकदमा दर्ज होने के बाद से विधायक और उनका भाई फरार है। मामले में न्यायालय ने दोनों के खिलाफ एनबीडब्ल्यू जारी कर दिया है। इसके बाद भी दोनों हाजिर नहीं हो रहे हैं। विधायक और उनके भाई के खिलाफ दर्ज मुकदमों की समीक्षा की जा रही है। यदि दोनों हाजिर नहीं हुए तो आगे कड़ी कार्रवाई की जाएगी।