कोलंबो (श्रीलंका)। आर्थिक संकट का सामना कर रहे श्रीलंका को अब आखिरी उम्मीद वैश्विक ऋणदाता अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से है। श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने
शुक्रवार दोपहर ट्रेड यूनियन प्रतिनिधियों के साथ बैठक में यह स्वीकार करते हुए कहा कि देश की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है।
उन्होंने कहा कि देश की गंभीर आर्थिक स्थिति ने शिक्षा और स्वास्थ्य सहित हर क्षेत्र को प्रभावित किया है। यह आर्थिक पतन के नतीजे हैं। अब हमारे पास एकमात्र विकल्प आईएमएफ का समर्थन प्राप्त करना है। बिना उसकी मदद के देश संभल नहीं सकता।