सीतापुर। महिला पर कातिलाना हमला किया गया है। उसके साथ छेड़छाड़ की घटना को अंजाम दिया गया। महिला के सर पर गम्भीर चोटे आई स्थानीय सरकारी अस्पताल में महिला के सर पर हुए घाव में करीब आधा दर्जन टांके लगे। महिला घण्टो बेेहोश रही। हालत की गम्भीरता को देखते हुए छोटे सरकारी अस्पताल के डाक्टरों ने महिला को जिले के बड़े सरकारी अस्पताल में भेजा जहंा भी महिला की हालत चिन्ता जनक है सर का एक्सरा व अन्य जांचे करवाई जा रही है। महिला की हालत ऐसे ही है कि महिला को कुछ देर के लिये होश आता है और वह फिर बेहोश हो जाती है। सर खून से लथपथ है तो हाथें में सूजन है। कुल मिलाकर महिला की हालत बेहद नाजुक है इसके बाद भी रामपुर मथुरा थानाध्यक्ष चन्द्र प्रकाश द्विवेदी कह रहे है पुलिस अपना काम जिम्मेदारी से कर रही है धाराओं को तोड़ा मरोड़ा नही गया है इसके बाद जब इस संवाददाता ने महिला की हालत तहरीर और उस तहरीर पर दर्ज हुऐ केस में लगाई गई धाराओं के बारे में सिविल से लेकर हाई कोर्ट के वकीलों से बात की गयी तो उन्होने कहा कि रामपुर मथुरा थानाध्यक्ष घटना को तोड़ मरोड़ कर दर्ज कर रहे है। तहरीर पढ़ते ही वकीलो ने कहा कि तहरीर में साफ साफ लिखा है कि महिला के छेड़ छाड़ की गयी है तो फिर मुकदमें में छेड़ छाड़ की धारा दर्ज क्यो नही की गयी यह ंतो खुलेआम मनमानी है। महिला के हेड इंजरी है चलो इसका खुलासा बाद होगा बाद धारा बढ़ सकती है लेकिन मुंकदमें से छेड़छाड़ की धारा क्यो हटाई गयी इसका खंुलासा तो रामपुर मथुरा थानाध्यक्ष को करना चाहिए। जब पूरी घटना की छेड़छाड को लेकर शुरू हुई और अगर आज महिला जिन्दगी और मौत के बीच संघर्ष कर रही है महिला अपनी आबरू ही बचाने के लिये हर पल मौत के करीब पहुंच रही है फिर भी थानाध्यक्ष ने छेडछाड़ की धारा को ही हटा दिया। इस बात को तो कोई नही मान रहा है कि पूरा घटना क्रम छेड़छाड़ पर आधारित है और पुलिस कह रही है छेड़ छाड़ बनती है। अब विद्वान वकील कुछ और कह रहे है रामपुर मथुरा थानाध्यक्ष चन्द्र प्रकाश द्विवेदी कुछ और बता रहे है। इन सब बातों में सबसे बडी बात तो यह है कि एक महिला के घर पर कुछ दबंग जाते है उसके साथ अश्लील हरकत करते है विरोध करने में उसको इतना पीटते है कि महिला लहू लुहान हो जाती है। पुलिस को सूचना दी जाती है और पुलिस आती है महिला केा रामपुर मथुरा के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराती है । जहंा पर महिला की हालत को देखते हुए डाक्टरों द्वारा महिला को सीतापुर के जिला अस्पताल में रिफर किया जाता है महिला असपताल आती में हर पल मौत के करीब पहुंच रही है महिला के सर का एक्सरे व सर के घाव का निरीक्षण किया जा रहा हे इसके बाद भी काबिल थानाध्यक्ष श्री द्विवेदी कह छेड़ छाड़ और कातिलाना हमले की धारा नही बन रही है। अब पुलिस अधिकारी ही सोचे कि जब एक जिम्मेदार ख्ुालेआम आरोपियों को संरक्षण दे रहा है वकील कह रहे है कि केस को तोड़ मरोड़ कर दर्ज किया गया है तहरीर के आधार पर धाराएं दर्ज नही है। इसके बाद भी रामपुर मथुरा थानाध्यक्ष कह रहे है नही कानून के अनुसार कार्यवाही की जा रही है। ताजुब तो यह है कि किसे सही माना जाये किसे गलत माना जाये। अगर पुलिस के आलाधिकारियों ने ध्यान नही दिया तो रामपुर मथुरा थाने के ग्राम भागीपुर में बड़ी घटना को अंजाम दिया जा सकता है। भागीपुर में खून के परनाले बह सकते है।