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महिला अपराधों के निस्तारण में उप्र अव्वल, मुख्यमंत्री ने गृह विभाग की थपथपाई पीठ

Uttar Pradesh tops in tackling crimes against women, CM slaps Home Department
Highlights भदोही पुलिस ने शत प्रतिशत मामले निस्तारित कर प्रदेश में प्राप्त किया पहला स्थान यूपी ने दो माह के अंदर जांच प्रक्रिया पूरी करने के मामले में प्राप्त किया पांचवां स्थान महिला संबंधी अपराधों की जांच प्रक्रिया में और तेजी लाने के निर्देश प्रदेश में सबसे अच्छा भदोही का रहा प्रदर्शन गोवा और पुडुचेरी को छोड़ा पीछे

लखनऊ। हाल ही में एनसीआरबी ने आईपीसी की धारा-376, महिला अपराध तथा पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज मामलों के निस्तारण में उत्त प्रदेश को पूरे देश में पहला स्थान दिया है। वहीं इन मामलों में दर्ज एफआईआर में दो माह के भीतर जांच प्रक्रिया पूरी करने में उत्तर प्रदेश देश में पांचवें स्थान पर है। मुख्यमंत्री ने इसके लिए गृह विभाग की सराहना की है।

राज्य सरकार के एक प्रवक्ता का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महिलाओं एवं बच्चियों से संबंधित अपराधों को कम करने, इन अपराधों में लिप्त आरोपियों को सख्त से सख्त सजा दिलाने के लिए संकल्पित हैं। यही वजह है कि प्रदेश में पिछले छह वर्षों में इन अपराधों में काफी कमी आई है।

गोवा और पुडुचेरी को छोड़ा पीछे

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में महिला एवं बच्चियों संबंधी अपराध आईपीसी की धारा 376, महिला उत्पीड़न और पाकसों एक्ट को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक की, जिसमें पुलिस अधिकारियों को जीरो टॉलरेन्स नीति के तहत इन अपराधों पर लगाम लगाने के साथ दर्ज मामलों कम से कम समय में आरोपियों को सजा दिलाने की बात कही। इस पर पुलिस अधिकारियों ने सीएम योगी को बताया कि 27 फरवरी 2023 तक के आंकड़ों के अनुसार आईपीसी की धारा-376 तथा पाकसों एक्ट के तहत दर्ज 77,044 एफआईआर में से 75,331 मामलों को निस्तारित कर 97.80 प्रतिशत के साथ प्रदेश ने पूरे देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। एनसीआरबी ने भी इसकी पुष्टि की है।उन्होंने सीएम योगी को बताया कि इन मामलों में दूसरे स्थान पर गोवा है, जिसका रेष्यो 97.30 प्रतिशत है, जबकि  तीसरे स्थान पर पुडुचेरी है, जिसका अनुपात भी 97.30 है। वहीं इन मामलों में सबसे खराब प्रदर्षन बिहार का रहा है, जिसका अनुपात 18.7 प्रतिशत है। इसके बाद मणिपुर का 23.7 प्रतिशत और असम का 35.4 प्रतिशत है।

प्रदेश में सबसे अच्छा भदोही का रहा प्रदर्शन

सरकारी प्रवक्ता के अनुसार उत्तर प्रदेश के जिलों की बात करें तो भदोही में 7 नवंबर से 27 फरवरी के बीच महिलाओं के खिलाफ अपराधों से संबंधित कुल 221 मामले दर्ज किए गए, जिसे बिना देर किए हुए सभी मामलों में फाइनल रिपोर्ट समिट कर प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया है। दूसरे पायदान पर श्रावस्ती है जहां 358 मामले दर्ज किए गए, जिसमें से 356 मामलों में फाइनल रिपोर्ट समिट की गई। इसका अनुपात 99.44 प्रतिशत रहा। वहीं तीसरे पायदान पर झांसी रहा, जहां 668 मामले दर्ज किए गए, जिसमें से 663 मामलों में फाइनल रिपोर्ट समिट की गई। इसका अनुपात 99.25 प्रतिशत रहा।

महिला संबंधी अपराधों की जांच प्रक्रिया में और तेजी लाने के निर्देश

आईपीसी की धारा-376 तथा पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज एफआईआर की दो माह के भीतर जांच प्रक्रिया पूरी करने में 71.8 प्रतिशत के साथ उत्तर प्रदेश ने पांचवा स्थान प्राप्त किया है। इसी प्रकार दो माह से अधिक जांच लम्बित होने के मामलों में 0.5 प्रतिशत के साथ उत्तर प्रदेश ने तीसरा स्थान प्राप्त किया है। इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बैठक में मौजूद गृह विभाग के अधिकारियों को जांच प्रक्रिया में तेजी लाने तथा लंबित जांच को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इस संबंध में जब अगली बैठक हो तो इन दोनों बिंदुओं पर भी उत्तर प्रदेश देश में पहले पायदान पर हो। इससे देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी प्रदेश की एक अलग छवि बनेगी। अच्छी छवि का सीधा प्रभाव निवेश पर पड़ेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे हम प्रदेश को वन ट्रिलियन इकोनॉमी बनाने के सपने को जल्द से जल्द पूरा कर सकेंगे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि इन मामलों में जिन जिलों का प्रदर्शन अच्छा नहीं है इन पर खासा फोकस किया जाए। इससे जहां प्रदेश में महिला संबंधी अपराध में कमी आएगी वहीं दूसरी ओर लोगों में पुलिस के प्रति विश्वास बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर पॉक्सो एक्ट से संबंधित मामलों की हर महीने समीक्षा भी की जाये।


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