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साहित्यकार नवीन जोशी को दिया गया उत्तराखण्ड साहित्य प्रहरी-2022 सम्मान

Uttarakhand Sahitya Prahari-2022 award given to litterateur Naveen Joshi
Highlights उत्तरखण्ड महोत्सव की चौथे दिन दिया गया सम्मान, कवि सम्मेलन भी हुआ

लखनऊ। लखनऊ के गोमती नदी तट स्थित पंडित गोविंद बल्लभ पंत पर्वतीय सांस्कृतिक उपवन पर चल रहे उत्तराखंड महोत्सव का चतुर्थ दिवस साहित्य के नाम रहा। साहित्यकार एवं पत्रकार नवीन जोशी को उत्तराखण्ड साहित्य प्रहरी- 2022 सम्मान दिया गया। इस मौके पर उनकी पुस्तक का लोकार्पण भी हुआ। इसके अलावा कवि सम्मेलन हुआ। कवियों ने अपनी रचनाओं से आज की व्यवस्था, सामाजिक परिदृश्य पर कई सवाल खड़े किए। शाम को संगीत के कार्यक्रम भी हुए।

साहित्यकार एवं वरिष्ठ पत्रकार नवीन जोशी को उत्तराखण्ड साहित्य प्रहरी- 2022 सम्मान से नवाजा गया। इस अवसर पर उनकी पुस्तक ‘प्रवासी उत्तराखण्डी‘ का विमोचन भी हुआ। पत्रकार एवं साहित्यकार जोशी ने कहा कि नवोदित युवा साहित्यकारों आदि को सम्मानित किया जाना चाहिए। इससे उनका मनोबल बडेगा। इसके अलावा उन्होंने कहा कि अपने समाज के बीच सम्मानित होना दोहरी खुशी देता है।कार्यक्रम में निर्मला पंत निदेशक कैंसर इस्ट्टीयूट, डॉ. गोविन्द पंत राजू वरिष्ठ पत्रकार एवं पर्वतारोही के.सी. जोशी, दिवान सिंह अधिकारी, भरत सिंह बिष्ट राम किशोर बाजपेयी, उत्कर्ष बाजपेयी, किरण कुमार थपलियाल भी उपस्थित थे।

नारायण पाठक के संचालन में हुए कवि सम्मेलन पहले स्वयं ने माता सरस्वती की वंदना की। नवोदित कवि गिरीष चन्द्र उपाध्याय,कवियत्री प्रियंका बिष्ट, कवियत्री राधा बिष्ट, शिरोमणि पंत, गोकुल उप्रेती कवि हरीश उपाध्याय, डॉ. करूणा पाण्डे पूरन सिंह जीना, गिरीश बहुगुणा, मनमोहन बाराकोटी ने अपनी कविताओं से श्रोताओं का प्रशंसा पाई। कवि सम्मेलन की अध्यक्षता धन सिंह मेहता अनजान ने की।

आकाशवाणी के कलाकार सुरेन्द्र राजेश्वरी ने उत्तराखण्ड के प्रसिद्ध गाने गा कर दर्षकों का मन मोहा। यश म्युजिक ग्रुप अयोध्या ने संगीता अहूजा के नेतृत्व में केवट प्रसंग जिसके बोल है, हमरे राम जी उतरिहै गंगा पार ओ गंगा मईया धीरे बहो। भक्तिमय प्रस्तुति देकर खूब तालियाँ बटोरी।

मीडिया प्रभारी राजेन्द्र सिंह कनवाल ने बताया कि उत्तराखंड की बाल मिठाई की बिक्री यहां भी खूब हो रही हैं, सबसे पहले यह अल्मोड़ा में बनाई गई थी, लेकिन अब उत्तराखंड में लगभग सभी जगहों पर बनाई जाती है। खोए को लचीला भूनकर उसे आकार देकर बाहर से सफेद दाने लगाए जाते हैं । उन सफेद दानों के अंदर भी राम दाने के दाने होते हैं कहा जाता है कि अल्मोड़ी बाल भ्यार बै सुकिल हुनी, भितेर बै लाल, हुनी अल्मोड़ा होशियार...। महोत्सव में छोलिया नृत्य दल घूम-घूम कर अपनी प्रस्तुति दी।

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