कैसरगंज तहसील के सराय जगना गांव में सौ ग्रामीणों को जमीन खाली करने की नोटिस जारी, क्षेत्रीय विधायक ने एडीएम से मिलकर की प्रभावित ग्रामीणों की पैरवी
बहराइच। रास्ते खलिहान तथा अन्य सार्वजनिक उपयोग की भूमि पर अवैध कब्जा करने वाले ग्रामीणों के विरुद्ध कार्रवाई शुरू कर दी गई है। इसी क्रम में कैसरगंज तहसील क्षेत्र के सराय जगना गांव के 100 से अधिक ग्रामीणों को मकान खाली करने की नोटिस तहसील प्रशासन की ओर से दी गई है। इसको लेकर हड़कंप मच गया है। यह सभी सरकारी जमीन पर वर्षों से रह रहे हैं। ग्रामीणों ने सपा विधायक आनंद यादव के साथ गुरुवार को कलेक्ट्रेट पहुंचकर एडीएम से अपनी व्यथा बताई है।
कैसरगंज तहसील के फखरपुर विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत सराय जगना में गाटा संख्या 92, 211 और 212 की जमीन खलिहान और रास्ते के लिए अंकित है। लेकिन इसी जमीन पर गांव के लोगों ने कब्जा जमाया है। किसी ने पक्का तो किसी ने फूस की झोपड़ी रख ली है। 100 से अधिक लोग अपना निवास स्थान बनाकर रह रहे हैं। इनमें बड़े से लेकर बच्चे भी शामिल हैं। ग्रामीणों ने बताया कि सभी 50 वर्षों से मकान बनाकर रह रहे हैं। लेकिन अब इस जमीन को राजस्व कर्मियों ने कब्जे में लेने के लिए नोटिस जारी किया है।
नोटिस बुधवार को जारी कर जमीन खाली करने की चेतावनी दी है। जमीन खाली न करने पर तहसील प्रशासन अपने हिसाब से कब्जा हटवाएगी। नोटिस से प्रभावित ग्रामीणों को लेकर सपा विधायक आनंद यादव और पूर्व विधायक शब्बीर अहमद के साथ डीएम कार्यालय पहुंचे। सभी ने एडीएम गौरव रंजन श्रीवास्तव से अपनी बात रखी। एडीएम ने कहा कि बिना जांच के कोई कार्यवाई नहीं होगी। जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी। इस दौरान काफी संख्या में लोग मौजूद रहे।
मालूम हो कि कैसरगंज तहसील प्रशासन की ओर से एक वर्ष पूर्व भी नोटिस भेजी गई थी लेकिन ग्रामीणों ने उसे संज्ञान में नहीं लिया। तहसील प्रशासन के अनुसार सराय जगना गांव निवासी कुलसुम समेत अन्य को 10 नवंबर 2023 को बेदखली की नोटिस दी गई थी। इसके बाद भी ग्रामीणों ने कब्जा नहीं छोड़ा गया। प्रमुख सचिव के आदेश के बाद तहसील प्रशासन ने तेजी पकड़ी है। इससे गांव के 100 से अधिक ग्रामीणों में हड़कंप की स्थिति है।
क्षेत्रीय विधायक की ओर से अतिक्रमणकारी ग्रामीणों की पैरवी किए जाने पर एडीएम गौरव रंजन श्रीवास्तव ने बताया कि सराय जगना गांव के लोग विधायक के साथ आए थे। उनकी समस्या सुनी गई है। लेकिन खलिहान और रास्ते की जमीन पर कब्जा कोई नहीं कर सकता है। तहसीलदार और नायब तहसीलदार की जांच के बाद आगे की कार्रवाई राजस्व विभाग करेगा।