कांग्रेस के आपात काल के विरोध में हुआ संगोष्ठी का अयोजन
इटावा। 21 जून 1975 प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा भारत के अंदर आपातकाल को लाकर देश में उनके खिलाफ उठ रही आवाज को कुचलने के लिए तमाम नेताओं को जेल में ठूंसकर, नसबंदी चलाकर हजारों सिक्खो की हत्या की गई घर से बेघर हो गए, जनता पर अत्याचार अनाचार और जुल्म की इबादत लिखने वाली संविधान का दुरुपयोग करके अपने हितों की रक्षा के लिए कांग्रेस द्वारा लाए गए आपात काल के विरोध में भरथना तहसील के अंतर्गत कस्बा बकेवर के आलीशान गेस्ट हाउस में लोकतंत्र सेनानियों के सम्मान के साथ संगोष्ठी आयोजित की गई।
उक्त विचार गोष्ठी में मुख्य अतिथि भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष गोपाल मोहन शर्मा ने व्यक्त करते हुए कहा कि अब तक जो लोग एससी एसटी एक्ट तथा प्रोन्नति का विरोध करते रहे आज वह संविधान के रक्षक कैसे हो सकते हैं पूर्व मुख्यमंत्री मायावती का चीर हरण करने वाले गेस्ट हाउस में बंधक बनाकर उनकी हत्या की साजिश रचने वाले संविधान के रक्षक कैसे हो सकते हैं। गेस्ट हाउस से जुलूस की शक्ल में आपातकाल के विरोध में नारे लगाते हुए सभी पार्टीजन डॉ0 भीमराव अंबेडकर की मूर्ति पर पहुंचे और संविधान जय का नारा लगाते हुए उनके ऊपर माल्यार्पण किया तथा कार्यक्रम का समापन किया। इस अवसर पर प्रमुख रूप से कार्यक्रम संयोजक भाजपा जिला उपाध्यक्ष हरनाथ सिंह, मंडल अध्यक्ष सुशील राजपूत, राजेश तिवारी, बंटू गौर, बंटूचौहान, के अलावा के अलावा हरिओम दुबे, रामू चौहान ,जयदीप त्रिपाठी अशोक शुक्ला ,बृजेश शर्मा पुष्पेंद्र त्रिपाठी ,ऋषि शुक्ला, छोटू पाल, नरेंद्र तिवारी , अजूआ बाबा, दिनेश कठेरिया, अरविंद मिश्रा दयासागर दोहरे,सहित सैकड़ो लोग मौजूद रहे। इस अवसर पर पार्टी जनों ने संविधान की पुस्तक पर पुष्पार्जन कर माथा टेका। लोकतंत्र सेनानियों का सम्मान राम मिलन दोहरे, उदल सिंह यादव, प्रेम दयाल शर्मा, प्रेम सिंह यादव, शंकर सिंह, श्रीमती रेखा यादव, अफसाना बेगम का माल्यार्पण तथा अंग वस्त्र से उन्हें भाजपा पूर्व जिला अध्यक्ष मुख्य अतिथि गोपाल मोहन शर्मा के ने सम्मानित किया।