- देश के अलग-अलग राज्यों में हो चुकी है सम्मानित
- प्रधान पद पर रहते हुए किया विधायक के बराबर काम
मऊ। महिलाएं अपने सोच व कार्यों का लोहा देश में किस प्रकार से मनवा रही हैं इसका जीता जागता उदाहरण स्मृति सिंह हैं। गांव का प्रतिनिधित्व करने वाली स्मृति सिंह ने प्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हुए शुक्रवार को संसद में अपनी आवाज बुलंद की व पंचायती राज व्यवस्था पर अपना अनुभव साझा कर क्षेत्र ही नहीं प्रदेश का मान बझाया। कहा बताया कि संसद भवन सच बहुत ही पवित्र जगह है यहां पहुंचने के पश्चात पता चला कि इसे लोकतंत्र का मंदिर क्यों कहा जाता है। इंजीनियरिंग की पढाई पूरी करने के उपरांत स्मृति ने नौकरी न कर अपने क्षेत्र के लोगों का सेवा करना पसंद किया। अपने गांव रत्सड़कला में आने के बाद गांव में जो विकास किया उतना शायद ही कोई विधायक विकास कर पाता। इन्हें ने हर क्षेत्र में अपना योगदान दिया। वर्ष 2021 में शीट बदल जाने के चलते दुबारा इन्हें सेवा का अवसर नहीं बावजूद इसके इन्होंने सेवा कार्य नहीं छोड़। इस युवा जनप्रतिनिधि का कार्य देख प्रधान मंत्री मोदी, मुख्यमंत्री योगी, बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीश व गोआ आदि प्रदेशों में सम्मानित हो चुकी हैं। बताया कि लोकसभा सचिवालय की संयुक्त निदेशक डा. बबीता सिंह परसैन, आईसीपीसी की निदेशक डा. सीमा कौल, पुर्व संयुक्त सचिव राज्यसभा सचिवालय प्रदीप चतुर्वेदी व रवींद्र गैरीमेला के साथ लोक सभा व राज्य सभा के संसदीय कार्यों से रूबरू होने का मौका मिला। बताया कि लोक सभा का नया भवन उभरते भारत व विकसीत भारत की तस्वीर सामने रखती दिख रही है तो हमारी संस्कृति व लोकतांत्रिक शक्ति का भी अहसास करा रही है। स्मृति सिंह के संसद में उद्बोधन से पूरा क्षेत्र गौरवान्वित है इंटरनेट मीडिया सहित उनके पर पहुंच बधाई देने के लिए लोगों का तांता लगा हुआ है।