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बुन्देलखंड की जमी पर पहली बार लहलहाएगी मडुवा अनाज की फसल

Maduva grain crop will grow for the first time on the land of Bundelkhand
Highlights हजारों हेक्टेयर क्षेत्रफल में खेती करने की डिपार्टमेंट की तैयारी

हमीरपुर। हमीरपुर समेत बुन्देलखंड क्षेत्र की जमी पर कई दशकों बाद रागी (मडुवा) और कोदो की खेती करने के लिए डिपार्टमेंट ने तैयारी पूरी कर ली है। शासन की गाइड लाइन के मुताबिक हजारों हेक्टेयर क्षेत्रफल में मोटा अनाज में शामिल इन फसलों की खेती के लिए किसानों को मुफ्त बीज भी मुहैया कराए गए है। डिपार्टमेंट की माने तो इस क्षेत्र में रागी की फसल पहली बार किसान करेंगे।

बुन्देलखंड क्षेत्र में करीब चार दशक पहले हजारों किसान परम्परागत खेती में कोदो, ज्वार, बाजरा समेत अन्य फसलों की खेती करते थे। लेकिन खेतीबाड़ी में हर साल घाटा आने पर अब किसानों ने मोटा अनाज में शामिल कोदो की खेती से किनारा कर लिया है। पिछले बार हमीरपुर जिले में 16105 हेक्टेयर क्षेत्रफल में ज्वार, 89 हेक्टेयर में बाजरा की फसल बोई गई थी वहीं महोबा में 4521 हेक्टेयर में ज्वार, 4 हेक्टेयर में बाजरा की बोआई हुई थी। बुन्देलखंड क्षेत्र के बांदा में 18765 हेक्टेयर में ज्वार, 4712 हेक्टेयर में बाजरा की बोआई किसानों ने की थी।

चित्रकूट में भी पिछले साल खरीफ के मौसम में 19332 हेक्टेयर में ज्वार व 11115 हेक्टेयर क्षेत्रफल में बाजरा की बोआई हुई थी। बुन्देलखंड के चारों जिलों में 58823 हेक्टेयर में ज्वार और 15920 हेक्टेयर में बाजरा की फसल की बोआई कराई गई थी। उपनिदेशक कृषि हरीशंकर भार्गव ने बताया कि बुन्देलखंड के चित्रकूट धाम मंडल के बांदा, चित्रकूट, महोबा और हमीरपुर में अबकी बार 836 हेक्टेयर में ज्वार, 432 हेक्टेयर में कोदो, 540 हेक्टेयर में सावा व 848 हेक्टेयर में मडुवा (रागी) अनाज की फसलें किसान करेंगे। किसानों को शासन से आवंटित बीज भी मुफ्त बांटा गया है।

रागी, कोदो समेत अन्य मोटा अनाज की खेती से आमदनी होगी दोगुनी

उपनिदेशक कृषि हरीशंकर भार्गव ने बताया कि चित्रकूट धाम बांदा मंडल के हमीरपुर, महोबा, बांदा व चित्रकूट में इस बार 2656 हेक्टेयर क्षेत्रफल में मडुवा (रागी), सावा, कोदो व ज्वार की खेती की तैयारी पूरी की गई है। शासन ने इन फसलों की खेती कराने के लिए किसानों को मुफ्त बीज उपलब्ध कराए है। इस मंडल में ही अबकी बार 6640 किसान कोदो, सावा, मडुवा व ज्वार की फसलों की बोआई करेंगे। झांसी, ललितपुर व जालौन में भी हजारों हेक्टेयर में ढाई हजार से अधिक किसान बोआई करेंगे। बताया कि इन फसलों की खेती से किसानों की तकदीर बदलेगी।

रागी अनाज में मिलेंगे पोषक तत्व, तमाम बीमारी से भी मिलेगी निजात

रागी (मडुवा) अनाज सेहत के लिए मुफीद माना जाता है। क्योंकि इसमें पोषक तत्व ज्यादा होते है। उपनिदेशक कृषि हरीशंकर भार्गव ने बताया कि रागी अनाज खाने से शरीर की हड्डियां मजबूत होती है साथ ही कब्ज भी इससे छूमंतर हो जाता है। हमीरपुर के आयुर्वेद चिकित्सक डाॅ. दिलीप त्रिपाठी ने बताया कि इस अनाज में फाइबर ज्यादा होता है। कैल्शियम की भरपूर मात्रा में होती है। पाचन तंत्र के लिए ये अनाज बड़ा ही गुणकारी है। बताया कि रागी अनाज की रोटी बनाकर भी खाई जा सकती है वही इसके आटे से उपटन बनाकर लगाने से त्वचा में निखार आता है।

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