चंडीगढ़। हरियाणा के रोडवेज कर्मचारियों व सरकार के बीच सहमति बन गई है। इससे खुश कर्मचारियों ने रविवार को परिवहन मंत्री के आवास के घेराव का निर्णय वापस लेते हुए आंदोलन स्थगित कर दिया। कर्मचारियों ने मांगे पूरी करने के लिए सरकार को एक माह का समय दिया है।
शुक्रवार देरशाम तक चली बैठक में परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा, परिवहन विभाग के प्रधान सचिव नवदीप सिंह विर्क और परिवहन आयुक्त यशेंद्र सिंह के साथ 10 यूनियनों के साझा मोर्चा ने बातचीत की। तीन घंटे चली बैठक में परिचालकों व लिपिकों का वेतनमान 35 हजार 400 रुपये करने, चालक- परिचालक, निरीक्षक, उप निरीक्षक, कर्मशाला के कर्मचारियों के देय अर्जित अवकाश में कटौती के आदेश को वापस लेने, देय अर्जित अवकाश व सभी लाभ देने, नई पेंशन नीति को बंद कर पुरानी पेंशन नीति लागू करने, लिपिकों की पदोन्नति शीघ्र करने, डिपो स्तर पर कार्यालय में सांख्यिकी सहायक, सहायक, लेखाकार, जूनियर आडिटर के पदों से कार्यालय अधीक्षक के पद पर प्रमोशन का अनुभव 12 वर्ष की बजाय पांच वर्ष करने पर चर्चा हुई।
परिवहन मंत्री ने कहा कि अर्जित अवकाश में कटौती का निर्णय वर्ष 1995 से लागू नहीं कर 20 सितंबर 2022 से लागू किया जाएगा। इसके लिए वित्त विभाग से मंजूरी ली जाएगी। परिवहन मंत्री ने कहा कि कर्मचारी विभाग की रीढ़ हैं। उनकी जायज मांगों पर पूरी गंभीरता से विचार किया जाएगा।
बैठक में कर्मचारियों का ओवरटाइम शुरू करने, चालक-परिचालकों के पे-स्केल पर विचार कर वित्त विभाग में भेजने, वर्ष 1992 से 2003 के बीच लगे कच्चे कर्मचारियों को नियुक्ति तिथि से पक्का करने आदि सहित कई मामलों पर चर्चा के बाद इन पर तवरित कार्रवाई शुरू करने को लेकर सहमति बनी। इसके बाद रोडवेज कर्मचारियों ने अपना आंदोलन त्याग दिया है।
सरकार से वार्ता के बाद हरियाणा के रोडवेज कर्मियों का आंदोलन स्थगित
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बैठक में परिचालकों व लिपिकों का वेतनमान 35 हजार 400 रुपये करने, चालक- परिचालक, निरीक्षक, उप निरीक्षक, कर्मशाला के कर्मचारियों के देय अर्जित अवकाश में कटौती के आदेश को वापस लेने, देय अर्जित अवकाश व सभी लाभ देने, नई पेंशन नीति को बंद कर पुरानी पेंशन नीति लागू करने, लिपिकों की पदोन्नति शीघ्र करने, डिपो स्तर पर कार्यालय में सांख्यिकी सहायक, सहायक, लेखाकार, जूनियर आडिटर के पदों से कार्यालय अधीक्षक के पद पर प्रमोशन का अनुभव 12 वर्ष की बजाय पांच वर्ष करने पर चर्चा हुई।