breaking news New

शिवराज जी, आपके वादे अच्छे हैं

Shivraj ji, your promises are good

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लेकर अक्सर विपक्षी खासकर कांग्रेस उन्हें घोषणावीर कहकर उनका मजाक उड़ाने का प्रयास करती है। चुनाव आने के पूर्व कभी ऐसा नहीं हुआ कि कांग्रेस ने उनकी घोषणाओं को लेकर सड़कों पर बवाल न किया हो। किंतु जब आप शिवराज चौहान की घोषणा करने की नीयत को लेकर गहराई से पड़ताल करते हैं, तब यही निष्कर्ष निकलता है कि "" न केवल मुख्यमंत्री शिवराज की घोषणाएं करने का अंदाज निराला है बल्कि ये वादे अच्छे हैं।""

आप विचार करें, आखिर मुख्यमंत्री की घोषणाओं को पूरा करने का कार्य किसका है? मुख्यमंत्री जो घोषणाएं करते हैं वे किसके लिए हैं ? स्वभाविक उत्तर होगा ""सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय"" किसी भी लोककल्याणकारी राज्य में राज्य की जनता का हित ही सर्वोपरि है। ऐसे में जब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ जब आरोप लगाते हैं कि शिवराज सिंह चौहान लगातार झूठी घोषणाएं कर रहे हैं, वे घोषणा और आश्वासन के नशे में हैं । इन दिनों प्रदेश में आश्वासन और घोषणाओं के मिशन पर वे निकले हुए हैं। तब अवश्य यह समीक्षा करने का विषय बन गया है ।

नियमानुसार जब मुख्यमंत्री कोई घोषणा करते हैं, उससे पहले संबंधित विभाग अपनी पूरी तैयारी करता है। वह मुख्यमंत्री को सही तथ्यों के अवगत कराता है और बताता है कि फलां कार्य किया जाना संभव है और फलां नहीं । फिर इन घोषणाओं को पूरा करने की जिम्मेदारी भी विभागों की होती है। सरकार का कार्य है कि उसके लिए आवश्यक धन मुहैया कराए। बजट में योजना के अनुसार आर्थिक प्रावधान करे। यहां इस संदर्भ में आज मध्य प्रदेश में सरकार के कार्यों और मुख्यमंत्री शिवराज द्वारा की गई घोषणाओं को रखकर देखें ।

मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह द्वारा अपने चौथे कार्यकाल में की गई रिकार्ड दो हजार 383 घोषणाओं में से 48 प्रतिशत को आज पूरा किया जा चुका है । 1188 घोषणाएं ऐसी चिह्नित की गईं जिन पर अभी कार्य चल रहा है । जिन विभागों में लंबित घोषणाएं होने की बात कही जा रही है उनमें नौ विभाग मुख्य रूप से सामने आए हैं, नगरीय विकास एवं आवास, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, लोक निर्माण, स्कूल शिक्षा, राजस्व, संस्कृति, जनजातीय कार्य, उच्च शिक्षा और सामान्य प्रशासन। उस पर भी इन सभी में तेज गति लाने के लिए भाजपा सरकार अत्यधिक सक्रिय नजर आ रही है। लंबित घोषणाओं की समीक्षा कर विभागों को 30 अप्रैल तक कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। तय किया गया है कि मुख्यमंत्री द्वारा की गई सभी योजनाओं को श्रेणीबद्ध तरीके से पूर्ण करना है। मॉनिटरिंग के लिए अफसरों का जिम्मा भी निश्चित कर दिया गया है।

यह इसी भाजपा सरकार की हिम्मत है जिसने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की दीर्घकालीन योजनाओं पर विशेष फोकस किया गया । न केवल इनकी घोषणा करने में उन्होंने संकोच किया बल्कि इसके लिए आवश्यक संसाधन भी लगातार जुटाने का प्रयास जारी है। इसे आप हर जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने एवं छोटे शहरों का कायाकल्प स्मार्ट सिटी बनाने के रूप में देख सकते हैं। यह घोषणाओं का ही परिणाम है कि पिछले कुछ सालों में मध्य प्रदेश की स्थिति देश के अन्य राज्यों में खासकर बड़े राज्यों में लगातार सुदृढ़ हुई है। विचार किया जा सकता है कि यदि ये घोषणाएं हुई ही नहीं होती तो क्या यहां इतना कार्य जमीन पर साकार हो पाता?

मुख्यमंत्री शिवराज की घोषणाओं का यह तेज परिणाम ही है कि आर्थिक और वित्तीय दृष्टि से मध्य प्रदेश हर क्षेत्र में प्रगतिरत है। राजस्व संग्रहण और पूंजीगत व्यय में वृद्धि लगातार जारी है। प्रदेश की औद्योगिक विकास दर भी बढ़ी है। प्रदेश की आर्थिक वृद्धि दर अग्रिम अनुमान के अनुसार वर्ष 2022-23 में 16.43 प्रतिशत रही । इसके पहले 2021-22 में कोविड की परिस्थतियों के बावजूद यह वृद्धि दर 18.02 प्रतिशत थी। इसके ठीक पहले यदि पूर्व शासन के आंकड़ों को देखें तो वर्ष 2001-02 में यह मात्र 4.43 प्रतिशत थी। राज्य का सकल घरेलू उत्पाद 13 लाख 22 हजार 821 करोड़ रुपये होने का अनुमान है जोकि पूर्व सरकार के दौरान 71 हजार 594 करोड़ रुप.े था। इस प्रकार सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) में तब और अब में 18 गुना से अधिक की वृद्धि देखी जा सकती है।

आंकड़ों पर गौर करें वर्ष 2022-23 में मध्य प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय एक लाख 40 हजार 583 रुपये होने का तथ्य सामने आया है। यह बहुत बड़ी सफलता है क्योंकि पूर्व की सरकार 2001-02 के समय में यह प्रति व्यक्ति आय सिर्फ 11 हजार 718 रुपये थी, जबकि आज 40 हजार को पार कर रही है। वह भी उस दौर में जब जनसंख्या का दबाव तेजी से राज्य पर बढ़ा है । आज राज्य का पूंजीगत व्यय 37 हजार 89 से बढ़ र 45 हजार 685 करोड़ रुपये हो गया जोकि वृद्धि 23.18 प्रतिशत है और राज्य के इतिहास में सर्वाधिक पूंजीगत व्यय है।

इसी तरह से किसानों को ऋण में 13.41 प्रतिशत और एमएसएमई क्षेत्र में 30.22 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, यह पूर्व स्थायी प्रदेश सरकार की तुलना में 16 % अधिक है। यानी कि पहले यह कृषि विकास दर सिर्फ तीन प्रतिशत थी, जो अब 19 प्रतिशत हो गई है। औद्योगिक विकास दर को देखें ; कभी पूर्ववर्ती सरकार में महज 0.61 प्रतिशत थी, अब बढ़ कर 24 प्रतिशत है। स्ट्रीट वेण्डर्स के कल्याण का कार्य भी प्रदेश में बखूबी किया जा रहा है । मध्य प्रदेश सवा पांच लाख शहरी इलाकों के लघु व्यवसायियों (स्ट्रीट वेण्डर्स) को 521 करोड़ से ज्यादा राशि का ऋण देकर देश में सबसे आगे है। सिंचाई क्षमता 585 प्रतिशत बढ़ी है, जोकि आज 45 लाख हेक्टेयर से अधिक है।

वस्तुत: इसी तरह से आप मध्य प्रदेश में हर क्षेत्र को तेजी से विकास करता पाएंगे। जिसे देखते हुए कहा जा सकता है कि यह विकास निश्चित ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं भाजपा सरकार के सतत आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के निर्माण के विजन के साथ किए गए कार्य का नतीजा है। इसलिए जो मुख्यमंत्री शिवराज चौहान की घोषणा करने को बुरा मानते हैं, उनकी बातों पर हमें गौर नहीं करना, बल्कि यही कहना है कि शिवराज जी, आप आगे भी घोषणाएं करना जारी रखें, जितनी अधिक घोषणाएं होंगी, विभागों पर उन्हें पूरा करने का दबाव उतना ही अधिक और ऐसे में लोककल्याणकारी राज्य में जनता का हित भी सबसे अधिक होगा। अत: आप करते रहें घोषणाएं। आपकी घोषणाएं अच्छी हैं।

(लेखक, फिल्म सेंसर बोर्ड एडवाइजरी कमेटी के सदस्य एवं वरिष्ठ पत्रकार हैं।)

Jane Smith18 Posts

Suspendisse mauris. Fusce accumsan mollis eros. Pellentesque a diam sit amet mi ullamcorper vehicula. Integer adipiscing risus a sem. Nullam quis massa sit amet nibh viverra malesuada.

Leave a Comment

अपना प्रदेश चुनें