- विजय बहादुर की करीबी जिपं अध्यक्ष आरती रावत का अगला कदम क्या होगा सियाही हलकों में चर्चा का माहौल
- वाहवाही लूटने के चक्कर में तमाम पुराने सपाइयों को भी फिर से दिलवा दी गई समाजवादी पार्टी की सदस्यता
- हवा का रूख भांपते हुए विजय बहादुर ने मारी पलटी: सूत्र
- विजय बहादुर यादव कभी भाजपा के सदस्य रहे ही नहीं: योगेश शुक्ला
लखनऊ। निर्वतमान जिपं अध्यक्ष दबंग नेता पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष विजय बहादुर ने बीते बुधवार को अपने तमाम समर्थकों के साथ समाजवादी पार्टी की सदस्यता फिर से ग्रहण कर ली है। अभी विधानसभा चुनावों के अप्रत्याशित परिणामों से भाजपा उबर भी नहीं पाई थी कि भाजपा जिपं अध्यक्ष बनाने में वजीर की भूमिका निभाने वाले विजय बहादुर यादव ने उपचुनावों के ठीक पहले सपा का दामन थाम लिया है इसे भाजपा के लिए लखनऊ में एक तगड़ा झटका माना जा रहा है। आपको बता दें अंदरखाने विजय बहादुर यादव ने भाजपा के पक्ष में हवा बनाने के लिए अपनी सियासी गोटियां बिछाई व फतह हासिल करने में कामयाब भी रहे थे। विधानसभा चुनावों में बीजेपी के खराब प्रदर्शन के बाद ही विजय बहादुर ने सपा आलाकमान से वार्तालाप आरंभ कर दी जिसका परिणाम आपको देखने को मिला जब बीते बुधवार को सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने विजय बहादुर यादव को अपने तमाम समर्थकों के साथ अपने पाले में खींच लिया। वहीं सियासी हलकों में चर्चा जारी है कि वर्तमान जिपं अध्यक्ष विजय बहादुर यादव की करीबी आरती रावत का अगला स्टैंड क्या होगा इसको लेकर सियासी हलकों में चर्चा का माहौल गरम है। वहीं विजय बहादुर यादव के सपा का दामन थामने के बाद समाजवादी पार्टी में भी तमाम नेताओं व कार्यकर्ताओं में असंतोष की लहर है। एक स्थानीय सपाई ने कहा कि विजय बहादुर यादव अपने निजी स्वार्थ के लिए सपा में आए हैं। उनको आभास हो गया है कि आगामी उपचुनावों में सपा किला फतह करने जा रही है। एक दिग्गज सपाई हमेशा लखनऊ के अंदर अखिलेश यादव के साथ मंच साझा करने वाले नेता ने बताया कि पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष अपना खुद का बूथ हार गए हैं अब आप उनकी लोकप्रियता का अंदाजा खुद लगा सकते हैं। तमाम अखबारों में छपी खबरों का रुख करें तो विजय बहादुर यादव ने तमाम पुराने सपाइयों को फिर से सपा की सदस्यता ग्रहण करा दी है। लवकुश सिंह प्रधान संघ अध्यक्ष, आजाद अंसारी, अरशद प्रधान, राम सिंह यादव प्रधान पुराने सपाई हैं व सपा के लिए विधानसभा चुनावों में जी-तोड़ मेहनत करते हुए देखे गए हैं। यह परिदृश्य देखकर सियासी हलकों में हंसीं ठिठोली का दौर जारी है। बीकेटी से भाजपा विधायक योगेश शुक्ला ने बताया कि विजय बहादुर कभी भाजपा के सदस्य थे ही नहीं अगर हों तो सदस्यता प्रमाणपत्र दिखा दें। श्री शुक्ल ने बताया कि विजय बहादुर यादव के सपा में जाने से भाजपा को कोई नुकसान नहीं होने वाला है। आगामी उपचुनावों में भाजपा का परचम मजबूती के साथ लहराएगा। फिलहाल विजय बहादुर यादव के सपा ज्वाइन करने से सपा के एक धड़े में असंतोष की लहर है। वर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष आरती रावत का अगला कदम क्या होगा यह देखने वाली बात होगी।