नई दिल्ली। भारत-पाकिस्तान के बीच व्यापारिक संबंध 2019 से आधिकारिक तौर पर बंद हैं, जब भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 खत्म कर दी थी। इस फैसले के बाद पाकिस्तान ने भारत से होने वाले सभी आयातों पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके जवाब में भारत ने भी सामान पर 200फीसदी आयात शुल्क लगा दिया और पाकिस्तान का मोस्ट फेवर्ड नेशन (एमएफएन) दर्जा भी रद्द कर दिया। इन कूटनीतिक और व्यापारिक कदमों ने दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्तों पर गहरा प्रभाव डाला है।
भारत-पाकिस्तान के बीच व्यापारिक संबंध पूरी तरह खत्म नहीं हुए हैं। 2022 में दोनों देशों के बीच करीब 2.5 बिलियन डॉलर का व्यापार हुआ था। यह व्यापार अधिकतर तीसरे देशों और अनौपचारिक चैनलों के जरिए से हुआ था। भारत अभी भी कुछ जरुरी वस्तुओं के लिए पाकिस्तान पर ही निर्भर है। इनमें सेंधा नमक, ड्राई फ्रूट्स, मुल्तानी मिट्टी, सल्फर, और चमड़े का सामान शामिल हैं। सेंधा नमक, जिसका भारत में व्यापक रूप से उपयोग होता है, यह सबसे बड़ा स्रोत पाकिस्तान का खेवड़ा स्थित नमक खदान है, जो दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी नमक है।
पाकिस्तान से भारत आने वाली अन्य वस्तुओं में फल, प्लास्टिक का सामान, तांबा, और ऊन शामिल हैं। भारत ने 2019 के बाद पाकिस्तान से आयात में कमी की है, लेकिन संबंध पूरी तरह खत्म नहीं किए हैं। पाकिस्तान के व्यापारी और जनता व्यापार बंद होने से ज्यादा परेशान हैं, जबकि भारत ने अपनी जरूरतों को अन्य स्रोतों से पूरा करने के लिए कदम उठाए हैं। पाकिस्तान भी भारत से कुछ वस्तुओं का आयात करता है, कपास, ऑर्गेनिक केमिकल, पशुओं का चारा, चाय, मसाले, और दवाइयां।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध फिर से बहाल होते हैं, तो इससे दोनों देशों को आर्थिक लाभ होगा। उपभोक्ताओं के लिए कीमतें कम हो सकती हैं और रोजगार के नए अवसर पैदा हो सकते हैं। पाकिस्तान सरकार ने मार्च 2023 में भारत के साथ व्यापारिक संबंध बहाल करने से इंकार कर दिया था। कुछ जानकारों का मानना है कि भविष्य में दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों में सुधार की संभावना बन सकती है, जिससे क्षेत्रीय स्थिरता और विकास को बढ़ावा मिलेगा।
भारत-पाकिस्तान में तनाव के बीच व्यापारिक संबंध जारी, वस्तुओं का हो रहा आदान प्रदान
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