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आषाढ़ में लगी सावन की झड़ी, सुबह से शाम तक रिमझिम बारिश

Monsoon rain in Ashadh, drizzling rain from morning to evening

धमतरी। जिले में घंटों रिमझिम बारिश के बीच आषाढ़ में सावन की झड़ी लगी। रूक-रूककर सुबह से रात तक बारिश होती रही। वातावरण दिनभर बादल से ढका रहा। गर्मी व उमस गायब हो गए। सड़कों व गलियों के गड्ढों में पानी भर गया। सड़क कीचड़ से सराबोर हो गए है। वहीं सूखे खेतों की जमीन गिली हो गई है, लेकिन अब तक प्यास नहीं बुझी है। राहत की इस बारिश से अब 10 दिनों खरीफ खेती-किसानी में पिछड़े रोपाई व बोआई में तेजी आएगी। किसान-मजदूर अपने खेतों में व्यस्त नजर आएंगे।

इस साल आषाढ़ माह के अधिकांश दिन सूखे में निकला। गर्मी व उमस से वातावरण भरा रहा, ऐसे में खरीफ खेती-किसानी पिछड़ गया। हर साल नौतपा व पंचक के साथ बारिश शुरू हो जाती है और खरीफ खेती-किसानी की शुरूआत अंचल में हो जाती है। रथयात्रा के समय तक रोपाई व बोआई 20 से 25 प्रतिशत तक हो जाता था, लेकिन इस साल खेती-किसानी अभी तक शुरू नहीं हो पाया है। पिछड़े खरीफ खेती किसानी के लिए अलसुबह से शुरू हुई रिमझिम बारिश वरदान साबित हुआ। सुबह छह बजे से बारिश शुरू हुई, जो रूक-रूककर शाम छह बजे तक होती रही। अंचल में करीब सात से आठ घंटे तक रिमझिम बारिश का सिलसिला आज भी जारी है।

कामकाजी लोग घरों से छतरी व रैनकोट लेकर निकले। बारिश के चलते अधिकांश लोग घरों मेें दुबके रहे। घंटों हुई बारिश के चलते सुबह से शाम तक झड़ीनुमा मौसम रहा। सड़क, मैदान व गलियों के गड्ढों में पानी भरा। सड़क पूरी तरह से कीचड़ में तब्दील हो गया। वहीं बारिश होने से अब गर्मी और उमस पूरी तरह से खत्म हो गया है। लोगों ने राहत की सांस ली है।

कोलियारी मार्ग कीचड़ से सराबोर

शहर के नहरनाका चौक से कोलियारी मार्ग बारिश से कीचड़ में पूरी तरह से तब्दील हो चुका था। पैर रखने के लिए जगह नहीं था। वाहनों की आवाजाही से कीचड़ एक-दूसरे पर पड़ रहा था। यह स्थिति पूरे कोलियारी पहुंचने तक बना हुआ था। महानदी मुख्य नहर पुल कीचड़ से सराबोर हो चुका था। इसी तरह शहर के रत्नाबांधा रोड, सिहावा रोड समेत अन्य रोड की स्थिति बनी रही। ग्रामीण अंचलों के सड़कों व गलियों में रिमझिम बारिश से पूरी तरह से कीचड़ हो चुका है।

रैनकोट व छतरी की खरीदी शुरू

बारिश शुरू होते ही शहर के कपड़ा बाजारों में रौनक लौट आई। छतरी, रैनकोर्ट व पालीथिन खरीदने के लिए लोग पहुंचते रहे। सुबह से शाम तक खरीदी व रैनकोट की बिक्री हुई। वहीं खेती-किसानी से संबंधित दुकानों में भी पहले की अपेक्षा अब ग्राहकी बढ़ गई है, क्योंंकि खेतों की जोताई के लिए कृषि उपकरणों की जरूरत किसानों को पड़ने लगा है।

जिले में 42.6 मिमी औसत वर्षा

एक जून से अब तक जिले में 42.6 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है। धमतरी तहसील में 1.6 मिमी, कुरूद में 5 मिमी, मगरलोड में 25.8 मिमी, नगरी में सबसे अधिक 137.9 मिमी, भखारा में 36.9 मिमी, कुकरेल में 19 मिमी और बेलरगांव तहसील में 72.1 मिमी वर्षा दर्ज की गई है।


सोंढूर बांध में पानी की आवक शुरू

जिले के प्रमुख गंगरेल बांध में वर्तमान में 18.244 टीएमसी जलभराव है। जबकि मुरूमसिल्ली बांध पूरी तरह से सूख चुका है। यहां मरम्मत कार्य कराने के लिए पानी को गंगरेल बांध में लाया गया था इसलिए वर्तमान में इस बांध में पानी नहीं है। जबकि दुधावा बांध में संतोषजनक साढ़े छह टीएमसी के करीब जलभराव है। वहीं सोंढूर बांध में करीब पांच टीएमसी जलभराव है। ओड़िशा में हुई भारी वर्षा के कारण इन दिनों दुधावा व सोंढूर बांध में पानी की आवक शुरू हो गई है। दुधावा बांध में 20 क्यूसेक पानी की आवक बनी हुई है। जबकि सोंढूर में 146 क्यूसेक पानी की आवक हो रही है, इससे बांधों के जलस्तर बढ़ने लगा है।

बोता व रोपाई में आएगी तेजी

खरीफ खेती-किसानी में पिछड़ चुके जिले के किसानों की चिंता अब दूर हुई। दिनभर हुई रिमझिम बारिश से खेतों की मिट्टी गीली हो गई है। ऐसे में बोता फसल लेने वाले किसान अब तेजी के साथ अपने खेतों की जोताई व बोआई करेंगे। वहीं बोर सिंचाई सुविधा वाले किसान अब अपने खेतों में रोपाई के लिए सिंचाई पानी भर रहे हैं। जल्द ही अब बोआई व रोपाई में तेजी आएगी। जिले में एक लाख 42 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में खेती-किसानी का लक्ष्य रखा गया है।

धमतरी जिला के कृषि उप संचालक मोनेश कुमार साहू ने बताया कि पिछले साल की अपेक्षा इस साल बारिश लेट से हुई है, ऐसे में खेती-किसानी फिलहाल शुरू नहीं हो पाई है। अब बारिश होने से खरीफ खेती-किसानी में तेजी आएगी।


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