लखनऊ, विशेष संवाददाता राज्य मुख्यालय । इसे एक संयोग ही समझा जाय कि देश के दो चीफ आफ डिफेंस स्टाफ(सीडिएस) की कर्मभूमि लखनऊ रही है। देश के पहले सीडिएस जनरल विपिन रावत लखनऊ मे बारह नवंबर 2019 को गोरखा राइफल्स रेजीमेंट सेंटर के हीरक जंयती समारोह मे लखनऊ आये और यंही पर उन्होने तत्कालीन पूर्वी कमान सेनाध्यक्ष ले जनरल अनिल चौहान को कर्नल आफ द रेजीमेंट की कमान सौंपी थी। इस कमान को सौंपने के दो माह बाद ही एक जनवरी 2020 को तत्कालीन सेनाध्यक्ष विपिन रावत को देश के पहले सीडिएस बनाए जाने की घोषणा की गयी थी।
नवनियुक्त देश के दूसरे सीडिएस अनिल चौहान लखनऊ मे गोरखा राइफल्स रेजीमेंट सेंटर पर दो वर्ष कमांडेंट भी रह चुके है। उन्होंने वर्ष 2010 से 2011 तक ग्यारह गोरखा राइफल्स रेजीमेंट की ब्रिगेडियर के तौर पर कमान संभाल चचके है। कमांडेंट रहते हुए अनिल चौहान ने ग्यारह गोरखा राइफल्स रेजीमेंट सेंटर व जवानों की ट्रेनिंग को आधुनिक बनाने के साथ ही एक दिन सेना के साथ कार्यक्रम की शुरुआत भी की थी। इस कार्यक्रम के तहत स्कूली बच्चे एक दिन के लिये ग्यारह गोरखा राइफल्स सेंटर जाकर वंहा की ट्रेनिंग देख सकें।अनिल चौहान पूर्वी कमान के सेनाध्यक्ष रहते हुए दस से बारह नवंबर2019 तक तीन दिनो तक हीरक जयंती के पुनर्मिलन समारोह मे सामिल हुए थे।समारोह मे तत्कालीन सेनाध्यक्ष विपिन रावत के साथ गोरखा राइफल के भारत और नेपाल से आये एकसौ पचास सैन्य अधिकारियों सहित पन्द्रह सौ जूनियर खमीशन्ड अधिकारियों ने शिरकत की थी।इस साल सेवानिवृत्त से पहले तक वह लखनऊ स्थिति ग्यारह गोरखा राइफल्स रेजीमेंट सेंटर के कर्नल आफ द रेजीमेंट रह चुके है।